मंगलवार, अक्तूबर 31, 2006
शास्वत का अर्थ है सदा रहने वाला, नित्य।
शास्वत का अर्थ है सदा रहने वाला, नित्य । जो नित्य है वह सबके लिए है। सच का मूल स्रोत परमात्मा है और यही शास्वत सत्य है । जैसे एक वृक्ष, जिसका सम्बन्ध मूल से कट गया हो, शीघ्र ही सूखने लगता है, इसी तरह हमारा समाज सच के बिना विच्छिन्न हो सूख रहा है । इस ब्लाग में सच्ची खबरों को स्थान मिले यही हमारा घ्येय है ।
ऐसी खबरें जिन्हें आप समझते हैं कि झूठ के आवरण में दबा दिया गया है, आप उन्हें हमें बताएं, हम उसे प्रकाशित करेंगे । आपके सहयोग की आंकाक्षा में यह ब्लाग आपको ही समर्पित है ।
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2 टिप्पणियां:
ऐसी खबर आप दीजिए,अपने ब्लॉग पर . किसी दूसरे को मिली तब वह अपने ब्लॉग पर छापेगा.यही तो ब्लॉग की विशेषता है .
शुभास्तु ते पन्थान: (आपके रास्ते शुभ हों)
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