शुक्रवार, दिसंबर 08, 2006

विनती है मेरे साथ रहें, जल्‍दी ही वापस आऊंगा।

अस्‍वस्‍थ हूं। अवसादों से घिरा और चेतना शून्‍य हूं। रचनात्‍मक रस का प्रवाह भी अवरूद्ध है। विनती है मेरे साथ रहें, जल्‍दी ही वापस आऊंगा।

4 टिप्‍पणियां:

उन्मुक्त ने कहा…

ज्लदी ठीक हों। आपका इम्तजार रहेगा।

अफ़लातून ने कहा…

आप की सेहत में सुधार हो और मनदुरुस्त भी हों.लेखन का इन्तेजार है.सप्रेम.

बेनामी ने कहा…

Hello Anil..
I think you have used some special fonts in your posts.. because in my browser i am unable to see the post.. all i can see some boxes...
Am using OS. linux and Mozilla Firefox browser..
I think you should provide the font download link in your blog.
Arpit
http://technicalbliss.blogspot.com

Unknown ने कहा…

आपकी टिप्पणी पढ़कर पहली बार ही आई हूँ यहाँ...आपने जिस तरह से बीमार होने पर साथ की अपेक्षा की अच्छा लगा...साथ सही अंदाज़ में माँगना भी एक कला है...!!

अच्छा लगा यहाँ ठहलना!